इस बार विधानसभा चुनावों का माहोल बदला बदला सा दिखाई दिया गाँव गली गवाड चोक चोराहो पर चुनावी चर्चा देखने को नही मिली मतदाता अपने काम में ही मस्त रहे आखिर दिन तक चुनावी माहोल ठंडा ठंडा ही दिखाई दिया प्रत्यासियों द्वारा प्रचार भी सीमित ही किया गया फिल्ड में प्रत्यासियों की गाड़िया भी घुमती दिखाई नही दी हालाँकि प्रशासन की गाड़िया जरुर मिल जाती थी प्रत्यासियों द्वारा ज्यादा झंडे ठंडे भी नही वितरित किए गये।

पूर्व में मतदाता पसंदीदा प्रत्याशी से उमीदों के चलते उत्साहित होकर मतदान करने आते थे कार्यकर्ता व् समर्थक भी जानकर मतदाताओ को घर घर जाकर लाते थे दिनरात कड़ी महनत करते थे प्रचार हेतु गाड़ी घोड़े भी देते थे अनुपगढ विधानसभा का इतिहास रहा हें सभी विधायकों ने जीत के बाद मतदाताओ समर्थकों कार्यकर्ताओ को जीत के बाद अनदेखा किया व् मतदाताओ कार्यकर्ताओ समर्थकों की उमीदों पर खरा नही उतरे जिसके चलते मतदाताओ कार्यकर्ताओ व् समर्थकों का दिल टूट गया हे हालाँकि समय आने पर मतदाताओ ने भी विधायकों को सबक सिखा दिया सता का सुख भोग चुके विधायकों द्वारा दुबारा भी प्रयास तो किए गये पर मतदाताओ ने मोका नही दिया जैसे मतदाता विधायकों का पांच साल इंतजार करते रहे चुनावों में विधायक भी मतदाताओं का वैसे ही इंतजार करते रहे

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अनुपगढ में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण सम्पन हो गये जिसका मुख्य करण प्रशासन की चोकसी व् मतदाताओ का मनोबल टूटना हे चुनावों को लेकर इस बार प्रशासन पूरी तरह से मुस्तेद रहा प्रत्येक चोंक चोराहो पर सख्त नाकाबंदी कर सभी आने जाने वाले वाहनों की गहनता से जाँच की गई वही मतदाताओ कार्यकर्ताओ समर्थकों का भी जनप्रतिनिधिओ से विश्वास उठ गया हे व् मनोबल टूट गया हे इस वजह से कार्यकर्ता इस बार ज्यादा जोश में दिखाई नही दिए कुछ मतदान केन्द्रों पर ही कार्यकर्ता मोजूद थे अनेक बूथ पर किसी भी पार्टी के कार्यकर्ता दिखाई नही दिए जेसे भाग संख्या 38 पर कांग्रेस की और से सुबह सन्नी धायल खड़े थे शाम को साहिल कामरा खड़े थे भाजपा की और से सुबह किशोर सिंह बूथ के अंदर भाजपा प्रचार सामग्री लेकर बेठे थे जिन्हें निर्वाचन विभाग के गस्ती दल ने बूथ से चलता कर दिया