इतिहास बीबी सुलखनी जी
by-janchetna.in
बीबी सुलखनी जी गुरदासपुर जिले के अंतर्गत लाखौकी नामक स्थान के रहने वाले मूला जी की कन्या थी जो पखों के गाँव के पटवारी थे इनका विवाह बालपन मे सोलह वर्ष की आयु में गुरु नानक देव जी से 1487 में हुआ था उस समय गुरु नानकदेव जी अपनी बहन के पास सुल्तानपुर लोधी में रहते थे गुरु नानकदेव जी की बारात सुल्तानपुर लोधी से बटाला गई थी ३२ वर्ष की अवस्था में इनके प्रथम पुत्र श्रीचंद का जन्म हुआ। चार वर्ष पश्चात् दूसरे पुत्र लखमीदास का जन्म हुआ।गुरुनानक देव जी भाई मर्दाना के साथ उदासी पर निकले तो बीबी सुलखनी अपने दोनों बचों को लेकर अपने माता पिता के पास गाँव पखों के रंधावा आ गई थी व् काफी वर्ष तक यही पर रही जिस मकान में बीबी सुलखनी रहती थी वो आज भी मोजूद हे बाबा श्रीचंद जी ने यही पर काफी वर्ष तक तपस्या की थी जहा पर गुरुद्वारा टाली साहिब सुभायेमान हे जो गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक से मात्र दो किलोमीटर दूर हे बाबा लख्मीचंद जी यही से अपने घोड़े जीवनसाथी व् छोटे बचें सहित सचखंड को चले गये थे
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