इतिहास माता निहाल कौर@SH#EP=85
by-janchetna.in
जन्म(प्रकाश)- अज्ञात
माता पिता- भाई राम और माता सुखदेवी जी
दादा दादी-अज्ञात
नाना नानी-अज्ञात
सास ससुर-अज्ञात
भाई बहन-अज्ञात
जीवनसाथी-बाबा गुरदित्ता जी
सन्तान-गुरु हरराय जी
पुत्रवधू-बीबी किशन कौर
पोता पोती-राम राय गुरु हरकिशन जी
स्वर्गलोक-29 सितंबर 1644 को कीरतपुर
माता निहाल कौर जिन्हें माता नट्टी,अनंती , निहालो और बस्सी के नाम से भी जाना जाता है माता निहाल कौर छ्टे गुरु हरगोबिंद जी की पुत्रवधू बाबा गुरदित्ता जी की जीवन साथी व् गुरु हरराय जी की माता जी थीं ।
माता निहाल कौर जी के पिता जी का नाम भाई राम और माता सुखदेवी जी था दोनों वर्तमान गुरदासपुर जिले में स्थित बटाला इलाके के खत्री सिख थे । उनके दो बेटे थे धीरमल जी जिनका जन्म 11 जनवरी 1627 को हुआ और सातवें सिख गुरु, गुरु हर राय जी जिनका जन्म जन्म 18 जनवरी 1630 को हुआ
जब गुरु हरगोबिंद सिंघ जी का निधन हुआ और माता नानकी 1644 में बकाला में स्थानांतरित हो गईं, तो हर राय और हर कृष्ण जी के गुरुत्व काल के दौरान माता निहाल कौर गुरु जी के परिवार की मुखिया थीं ।
वह सातवें गुरु जी के पालन-पोषण के लिए जिम्मेदार थीं और उन्होंने सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक के घर में आध्यात्मिक मूल्यों का संचार किया । उन्होंने भावी गुरु बनने वाले युवा को करुणा, प्रेम, दया, बहादुरी, विनम्रता आदि का मूल्य सिखाया, जैसा कि सभी गुरुओं की माताओं ने सिखाया था।
माता निहाल कौर की 29 सितंबर 1644 को कीरतपुर में उनकी मृत्यु हो गई ।
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