इतिहास माता साहिब कौर जी@SH#EP=89
By-janchetna.in
जन्म(प्रकाश)-01 नवंबर 1681 को जेहलम जिले के रोहतास किले के भीतर बसे रोहतास गाँव में हुआ था।
माता पिता- जसदेवी और पिता का नाम भाई रामू बस्सी
दादा दादी-अज्ञात
नाना नानी-अज्ञात
सास ससुर-अज्ञात
भाई बहन-अज्ञात
जीवनसाथी-गुरु गोबिंद सिंघ
सन्तान-नही
पुत्रवधू-नही
पोता पोती-नही
स्वर्गलोक-अज्ञात
माता साहिब कौर जी जिनका नाम माता साहिब दीवान जी था का जन्म 1 नवंबर 1681 को पश्चिम पंजाब (अब पाकिस्तान में) के जेहलम जिले के रोहतास किले के भीतर बसे रोहतास गाँव में हुआ था। माता साहिब कौर जी की माता का नाम जसदेवी और पिता का नाम भाई रामू बस्सी था। उनके पिता जो श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के एक उत्साही सेवक (सिख) थे ने माता साहिब कौर को इस हद तक प्रभावित किया कि वह अपना पूरा जीवन गुरु साहिब की सेवा में समर्पित करना चाहती थीं।
माता साहिब कौर जी बचपन से ही मधुर और शांत स्वभाव की लड़की थीं। घर में धार्मिक माहौल के कारण वह अपने प्रारंभिक वर्षों के दौरान गुरबानी से बहुत प्रभावित थीं। यह संभव है कि बचपन में उन्होंने अपने परिवार की यात्रा के दौरान श्री आनंदपुर साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी को देखा होगा। माता साहिब कौर को विनम्रता प्रेम और त्याग, मानवता और वाहेगुरु की भक्ति विरासत में मिली।माता साहिब कौर के पेट से कोई संतान नही हुई इसलिए गुरु साहब ने सिख पंथ को माता साहिब कौर की झोली में डालकर उन्हें समूचे सिख पंथ की माता का दर्जा दिया
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