इतिहास मेहता कालू जी
by-janchetna.in
मेहता कालू जी सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी के पिता थे जिन्हें कल्याणदास,मेहता कालू,कालू राय ‘कालू चंद कलियान राय’ और ‘कलियान चंद’ से भी जाना जाता हे
महता कालू जी का जन्म 1440 में बेदी गोत्र के एक हिंदू खत्री परिवार में शिव राम बेदी और माता बनारसी के घर पत्थे विन्द गांव में हुआ था । जो अब विलुप्त हो चुका है यह पहले गुरुद्वारा डेरा साहिब के वर्तमान स्थल पर स्थित था जो नौशहरा पन्नुआन से लगभग छह मील पूर्व में था महता कालू जी के दादाजी राम नारायण बेदी थे।
मेहता कालू जी का परिवार बाद में राय-भोई-दी-तलवंडी (अब ननकाना साहिब) गांव चला गया जहां शिव राम बेदी को गांव के पटवारी (राजस्व अधिकारी) के रूप में रोजगार मिला। महता कालू जी दो बेटों में सबसे बड़ा थे उनके छोटे भाई का नाम बाबा लालू (1444-1542) था। लालू जी का जन्म साबो की तलवंडी में हुआ था। महता कालू जी अपने पिता की मृत्यु के बाद अपने पिता से गाँव के पटवारी की भूमिका संभालने लगे
इस प्रकार उन्होंने राय बुलार भट्टी के रोजगार में तलवंडी गांव के लिए फसल राजस्व के पटवारी (लेखाकार) के रूप में कार्य किया ।
विवाह
उन्होंने 1460 में तृप्ता नाम की एक लड़की से शादी की जिनके दो संतानें हुईं एक बेटी जिसका नाम नानकी और एक बेटा जिसका नाम नानक रखा गया।जो सिखों के प्रथम गुरु नानक देव जी बने
स्वर्गलोक
महता कालू जी की मृत्यु 1522 में 82 वर्ष की आयु में करतारपुर में हुई जो उनके बेटे गुरु नानकदेव जी द्वारा बसाया गया इलाका था।
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