“जनचेतना भारत भ्रमण DAY=08”
दिनाक 06-12-2023 को डेरा बाबा नानक से सुबह आठ बजे जनचेतना टीम आगे के भ्रमण हेतु रवाना हो गई डेरा बाबा नानक से मात्र दो किलोमीटर दूर गाँव पखो की में गुरुद्वारा टाली साहिब सुभाएमान हे
गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने के उपरांत गुरुद्वारा साहिब के मुख सेवादार से गुरुद्वारा साहिब का इतिहास जाना तो सेवादार जी ने बताया की गाँव पखो की में गुरुनानक देव जी के ससुर जी पटवारी थे जब गुरुनानक देव जी के दोनों पुत्र छोटे छोटे थे तभी गुरुनानक देव जी विश्व भलाई हेतु घर से चले गये थे तो माता सुलखनी दोनों छोटे बचों को लेकर गाँव पखो की अपने पीहर आ गई माता सुलखनी व् दोनों बचे श्रीचंद व् लखमी चंद जी ने काफी समय गाँव पखो की में व्यतीत किया सेवादार जी ने बताया की गुरुनानक देव जी के बड़े सुपुत्र श्रीचंद जी बचपन से ही अध्यात्म से जुड़े हुये थे वे हमेशा इश्वर का सिमरन करते रहते थे श्रीचंद जी के तप स्थान पर ही गुरुद्वारा साहिब सुभायेमान हे श्रीचंद जी के हाथों से लगाई एतिहासिक टाली व् कुआ माता सुलखनी बाबा श्रीचंद व् लख्मीचंद जी जिस मकान में रहते थे वो प्राचीन मकान संगत के दर्शन हेतु आज भी सुभायेमान हे उपरांत जनचेतना टीम गाँव तुंग हेतु रवाना हो गई
जनचेतना टीम के स्वागत हेतु तुंग ग्रामीण गुरदासपुर मुख्य सडक पर दो घंटे से इंतजार कर रहे थे स्वागत उपरांत ग्रामीण अपने गाँव ले गये गाँव की प्राचीन तस्वीरे दिखाई इतिहास बताया उपरांत हम गाँव के बाहर बाबा मस्तु के नाम से सुभायेमान गुरुद्वारा साहिब पहुंच गये गुरुद्वारा साहिब के प्राचीन एतिहासिक कुआ के दर्शन करने उपरांत गुरुद्वारा साहिब के मुख सेवादार से मुलाकात की जिन्होंने गुरुद्वारा साहिब बाबा मस्तु व् गाँव तुंग के इतिहास से रूबरू करवाया ग्रामीणों का प्यार व् गाँव का सुनहरा इतिहास देखकर हमने रात्रि विश्राम गाँव तुंग में करने का फेसला किया गुरुद्वारा साहिब के मुख्य सेवादार ने गुरुद्वारा में हमारे लंगर पानी व् ठहरने की उचित व्यवस्था करवाई
गाँव तुंग डेरा बाबा नानक से कलानोर होते हुए गुरदासपुर मुख्य मार्ग से तीन किलोमीटर हटकर हे
“जनचेतना भारत भ्रमण DAY=09”
दिनाक 07-12-2023 को जनचेतना टीम आगे के भ्रमण हेतु रवाना हो गई सुबह छ बजे रवाना होकर तकरीबन किलोमीटर का सफर तय दोपहर गुरुद्वारा बाड साहिब पहुंची गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करने व् इतिहास जानने के बाद हम हिमाचल हेतु रवाना हो गये रास्ते में पहाडियों का आन्द लेते हुये 150 किलोमीटर का सफर तय कर शाम छ बजे जनचेतना टीम हिमाचल के धर्मशाला पहुंच गई