“चुनावों के रंग मलकीत सिंह के संग”
सभा में सिर्फ काग्रेस कार्यकर्ता थे आम मतदाता एक भी नही खड्गे को नही हेलिकोप्टर को देखने गये थे ज्यादातर लोग-भाजपा
अनुपगढ-चुनाव के शुरुआती दोर में काग्रेस काफी मजबूत दिखाई दे रही थी जिसका मुख्य कारण था संतोष बावरी को टिकट मिलने से भाजपा के काफी कार्यकर्ताओ में रोष था वही टिकट नही मिलने से पूर्व भाजपा विधायक शिमला बावरी गिरगिट की तरह रंग बदलते हुये भाजपा से बागी होकर निर्दलीय मैदान में कूद पड़ी शुरुआती दोर में संतोष बावरी को टिकट मिलने से भाजपा से नाराज कार्यकर्ता शिमला बावरी की और चले गये जिससे शिमला बावरी काफी मजबूत दिखाई दे रही थी संतोष बावरी काफी कमजोर दिखाई दे रही थी धीरे धीरे भाजपा पदाधिकारियों की समझाईस से विजेंद्र भाम्बु सहित अनेक भाजपा समर्थक भाजपा के साथ आ गये जिससे शिमला बावरी कमजोर हो गई संतोष बावरी मजबूत हो गई वही घडसाना में वसुंधरा की सभा से भी भाजपा को काफी मजबूती मिली हे हालाँकि संतोष बावरी व् प्रभु बावरी पांच साल में अपनी पहचान या पकड़ नही बना पाए जिसके चलते 281 हेड 11 a सहित अनेक स्थानों से मतदाताओ द्वारा संतोष बावरी का विरोध भी सामने आ रहा हे परंतु भामाशाह मोहित छाबड़ा अध्यक्ष व्यापर मंडल अनुपगढ सतपाल मुंजाल उपाध्यक्ष नगर परिषद अनुपगढ मुकेश शर्मा अध्यक्ष भाजपा नगर मंडल अनुपगढ सहित अनेक भाजपा पदाधिकारियों की विधानसभा में मजबूत पकड़ व् पहचान हे जो दिन रात पार्टी प्रत्याशी को जिताने हेतु महनत कर रहे हे जिसके चलते भाजपा काफी मजबूत हो गई हे वही अनेक मतदाता मोदी भक्त हे जिसकी बदोलत भाजपा को काफी फायदा मिलने वाला हे वही अनुपगढ विधानसभा में काफी मतदाता बीजेपी भक्त हे यानि बीजेपी के पेट वोट हे उसका भी संतोष बावरी को फायदा मिलने वाला हे
वही काग्रेस प्रत्याशी के प्रचार हेतु काग्रेस के रास्ट्रीय अध्यक्ष मलिका अर्जुन खड्गे तक अनुपगढ जेसे कस्बे में आ गये परंतु काग्रेस के रास्ट्रीय अध्यक्ष खड्गे के आने से कोई ज्यादा खड़का दिखाई नही दिया क्योंकि काग्रेस रास्ट्रीय अध्यक्ष के अनुरूप संख्या नही थी वही भाजपा का कहना हे की ज्यादातर लोग खड्गे को नही हेलिकोप्टर देखने गये थे क्योंकि पहली बार हेलिकोप्टर नजदीक से देखने को मिला था अनुपगढ पिछड़ा हुआ इलाका हे यहा तो jcb आ जाए तो सो लोग इकठे हो जाते हे ये तो आखिरकार हेलिकोप्टर था सभा में संख्या पांच हजार से भी कम बताई जा रही हे दो विधानसभा की सभा थी गंगानगर बीकानेर जिले भर से काग्रेस कार्यकर्ता आए थे ऐसे में अनुपगढ मतदाताओ की संख्या मुश्किल से एक हजार बताई जा रही हे जीत की ईगो में घूम रहे काग्रेस प्रत्याशी व् कार्यकर्ताओ ने मीडिया को बुलाना तो दूर सुचना तक देना उचित नही समझा अनुपगढ विधानसभा में 245722 मतदाता हे इस हिसाब से सभा में मतदाताओ की संख्या आधा % भी नही थी सभा में अनेक स्थानीय कांग्रेस कार्यकर्ता भी नहीं पहुंचे जो टिकट वितरण से नाखुश थे,मतदान दिवस को महज 2 दिन शेष रहने तक कांग्रेस प्रत्याशी की तरफ से कार्यकर्ताओं को नहीं पाना कहीं ना कहीं कांग्रेस के लिए भीतरघात की संभावनाएं प्रबल नजर आ रही हैं। वहीं गत दिवस जिला प्रमुख कुलदीप इंदौरा के निवास पर कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस प्रत्याशी के प्रति अनदेखी का रोष भी व्यक्त किया था,ऐसे अनेक कार्यकत्र्ता सभा में नहीं पहुंचें। हालाँकि काग्रेस कार्यकर्ता जीत साथ लेकर घूम रहे हे परंतु जीत इतनी आसान नही हे क्योंकि 2018 में प्रदेश में काग्रेस सरकार अनुपगढ में कुलदीप इंदोरा की काफी लहर थी जीत साफ दिखाई दे रही थी जिसके चलते मतगणना से पूर्व जीत की ख़ुशी में लड्डू तक बना डाले परंतु फिर भी जीत हासिल नही हुई इस बार भी काग्रेस को उक्त बातों का ध्यान रखना होगा