History Gurdwara Pragat Sahib
गुरुद्वारा प्रगट साहिब केसे पहुंचे
गुरुद्वारा प्रगट साहिब भारत राज्य पंजाब के जिला फिरोजपुर में फाजिल्का फिरोजपुर नेशनल हाइवे पर फिरोजपुर जलालाबाद के बीचों बीच फिरोजपुर से 26 किलोमीटर जलालाबाद से 26 किलोमीटर फाजिल्का से 10 किलोमीटर पर सुभायेमान हे जो गंगानगर से अमृतसर जाते वक्त रास्ते में आता हे गंगानगर से आप वाया अबोहर जलालाबाद होते हुये 160 किलोमीटर की यात्रा कर गुरुद्वारा प्रगट साहिब जा सकते हे उपरांत आप तरन तारण होते हुये दरबार साहिब अमृतसर जा सकते हे
इतिहास
1988 में पंजाब में बाढ़ आई थी तब पास में बह रही नदी से गुरु ग्रन्थ साहिब स्वंय प्रकट हुए थे जिसके सभी अंग सूखे थे गुरु ग्रन्थ साहिब कहा से आये केसे अये इसकी अभी तक कोई जानकारी नही मिल पाई हे यहाँ गुरु स्वंय प्रगट हुये हे इसलिए गुरुद्वारा साहिब का नाम गुरुद्वारा प्रकट साहिब रखा गया हे
व्यवस्थाए
गुरुद्वारा साहिब में चोबीस घंटे लंगर चलता हे संगत के ठहरने हेतु उचित व्यवस्था हे नेशनल हाइवे पर होने की वजह से आने जाने वाली संगत यहा पर आराम करने व् लंगर ग्रहण करने के बाद ही आगे की यात्रा करती हे नेशनल हाइवे पर चलने वाले ट्रक ड्राइवर भी यहा रुकते हे यहा चोबीस घंटे कई ट्रक खड़े रहते हे गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा ड्राइवर भाईओ हेतु मुख्य सडक पर नहाने धोने हेतु उचित व्यवस्था की गई हे
लंगर बनाने की सेवा नजदीकी गांवो से आकर माताये करती हे सब्जी इत्यादी बनाने हेतु मशीनों की भी व्यवस्था की गई हे नजदीकी गांवो से दूध लाकर गुरुद्वारा साहिब में दही जेसी लस्सी तेयार की जाती हे जो लंगर के साथ संगत को दी जाती हे जिससे लंगर का आनद और भी बढ़ जाता हे
मुख्य सेवादार बाबा लखवीर सिंह ने बताया की यहाँ की सेवा बाबा जगतार सिंह तरनतारन वाले निभा रहे हे जो ग्रामीणों व् संगत के सहयोग से चल रही हे यहाँ गुरु साहब स्वयं प्रगट हुए हे इसलिए चोबीस घंटे गुरु की रहमत बरसती हे चोबीस घंटे गुरु की संगत आती हे बाबा जगतार सिंह तरनतारण वालों की सेवा सुल्तानपुर लोधी सहित अनेक गुरुद्वारा साहिब में चल रही हे
By-malkeet singh chahal