Route chart for visiting historical Gurudwara Sahib in Punjab @SH#EP=03

                                         

1-बठिंडा 53

2- मुक्तसर साहिब- 134

3- सुल्तानपुर लोधी कपूरथला 26 

4-गोइंद्वल साहिब-08  

5-खडूर साहिब-35

6-दरबार साहिब तरनतारन-25

7-दरबार साहिब अमृतसर-20   

8-गुरु का बाग अजनाला अमृतसर-36  

9-डेरा बाबा नानक गुरदासपुर गुरुद्वारा चोला साहिब टाली साहिब पखों-05   

10-करतारपुर कोरिडोर-03  

11-करतारपुर पाकिस्तान-35

12-बटाला गुरदासपुर -163 

13-आनदपुर साहिब रूपनगर-10   

14-किरतपुर साहिब रूपनगर-18   

15-गुरूद परिवार बिछोड़ा रूपनगर-56  

16-फतेहगढ़ साहिब सरहंद-15

17-मरिन्डा-20  

18-चमकोर गड़ी रूपनगर-22  

19-माछिवाडा लुधियाना-40

20-आलमगीर लुधियाना-146    

21-दमदमा साहिब बठिंडा-30 बठिंडा वापिस

कुल 900 किलोमीटर का सफर

डेरा बाबा नामक से आप धर्मशाला हिमाचल भी जा सकते हे जो 165 किलोमीटर हे

धर्मशाला से आनदपुर साहिब 165 किलोमीटर हे रास्ते में आप कांगड़ा किला माँ ज्वाला जी के भी दर्शन कर सकते हे

डेरा बाबा नानक से आनदपुर साहिब 200 किलोमीटर हे   

आप बठिंडा हनुमानगढ़ श्रीगंगानगर व् अन्य किसी भी स्थान से मुक्तसर साहिब या सीधे अमृतसर जा सकते हे अपनी सुविधा अनुसार उक्त रूट चार्ट को चेंज कर सकते हे

सभी गुरुद्वारा साहिब में लंगर व् ठहरने की व्यवस्था हे

                              विवरण व् वीडियो

आप अपनी शुभ यात्रा बठिंडा से शुरू करते हे तो मात्र 53 किलोमीटर चलने पर मुक्तसर साहिब आयेगा जहा पर एतिहासिक गुरुद्वारा साहिब हे उसके दर्शन करने के बाद आप 134 किलोमीटर चलेंगे तो कपूरथला जिले में सुल्तानपुर लोधी आयेगा जहा गुरुद्वारा हट साहिब हे जिसके दर्शन करने के बाद आप मात्र  26 किलोमीटर चलेंगे तो गोइंद्वल साहिब आयेगा उपरांत आप मात्र -08 किलोमीटर चलेंगे तो खडूर साहिब आयेगा उपरांत आप -35 किलोमीटर चलेंगे तो दरबार साहिब तरनतारन आयेगा

जिसके दर्शन करने के उपरांत आप मात्र -25 किलोमीटर चलेंगे तो -दरबार साहिब अमृतसर का वो एतिहासिक गुरुद्वारा साहिब आयेगा

जिसे देखने के लिए देश से ही नही विदेशों से भी संगत आती हे जहा आप दरवार साहिब के पास ही बाबा टल माता कोला जलिया वाला बाग कुछ ही दुरी पर गुरु का महल के दर्शन कर सकते हे

शाम को आप बाघ बोडर भी जा सकते हे अमृतसर से मात्र -20 किलोमीटर दूर अजनाला तहसील में  गुरुद्वारा गुरु का बाग हे

जिसके दर्शन करने के उपरांत आप 36 किलोमीटर चलेंगे तो जिला गुरदासपुर में गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक आयेगा

जहा आप गुरुनानक देव जी के प्राचीन कुआ गुरुद्वारा चोला साहिब

टाली साहिब पखों के दर्शन कर सकते हे जहा से मात पांच किलोमीटर दूर करतारपुर कोरिडोर हे

जीरो लाईन से आप पाकिस्तान को बिलकुल नजदीक से देख सकते हे जरिये led करतारपुर साहिब के दर्शन कर सकते हे ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन करवाकर करतारपुर भी जा सकते हे जो मात्र तीन किलोमीटर हे  वापिस डेरा बाबा नानक आने के उपरांत आप तीस किलोमीटर चलेंगे तो गुरदासपुर जिले में बटाला आयेगा जहा गुरुनानक देव जी की बारात गई थी उपरांत आप 163 किलोमीटर चलेंगे तो रूपनगर जिले में केशगढ़ साहिब आनद की नगरी आनदपुर साहिब आयेगा जिसका आनद लेने के उपरांत आप मात्र 10 किलोमीटर चलेंगे तो किरतपुर साहिब आयेगा

जहा पर चार एतिहासिक गुरुद्वारा साहिब हे सिख समाज अपने परिवार में किसी सदस्य की मोत होने पर उसकी आत्मिक शांति हेतु उसकी अस्थिया यही सतलुज नदी में विसर्जित करते हे जहा गुरुद्वारा साहिब पातालपुरी सुभायेमान हे उसके दर्शन करने उपरांत आप मात्र 18 किलोमीटर चलेंगे तो गुरुद्वारा परिवार बिछोड़ा रूपनगर आयेगा जहा गुरु साहिब का परिवार तीन भागों में बिछड़ गया था उपरांत -56 किलोमीटर चलने पर  फतेहगढ़ साहिब सरहंद आयेगी जिसका इतिहास बचा बचा जानता हे उपरांत 15 किलोमीटर चलने पर कोतवाली मरिन्डा आयेगा जहा छोटे साहिबजादो में एक रात केद कर रखा गया था उपरांत-20 किलोमीटर चलने पर चमकोर गड़ी आयेगी जहा पर मुगलों व् गुरु गोविंद सिंह के बीच भयंकर युद्ध हुआ था जिसमे  बड़े दो साहिब जादे शहीद हुये थे उपरांत 22 किलोमीटर चलने पर लुधियाना जिले में लुधियाना से तीस किलोमीटर दूर माछिवाडा आयेगा जहा पर चरण कमल चोबारा साहिब क्रपान भेंट व् मनीखा गनीखा चार एतिहासिक गुरुद्वारा साहिब सुभायेमान हे उपरांत 40 किलोमीटर चलने पर लुधियाना से मात्र दस किलोमीटर दूर गुरुद्वारा आलमगीर आयेगा जहा गुरु सिख द्वारा गुरु साहिब को घोड़ा भेंट किया गया था उपरांत 146 किलोमीटर चलने पर तख्त श्री दमदमा साहिब आयेगा जिसके दर्शन करने के उपरांत आप 30 किलोमीटर चलेंगे तो बठिंडा वापिस पहुंच जायेंगे यह सफर कुल 900 किलोमीटर का हे सभी गुरुद्वारा साहिब का विस्तार से विवरण अलग से डाला गया हे जो आप सम्बधित गुरुद्वारा साहिब के नाम से जनचेतना साईट पर देख सकते हे

By-malkeet singh chahal

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